इस विशेष दाब को क्रांतिक दाब (Critical pressure) कहते हैं।
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इस पद्धति से एक्सरे का उत्पादन करने के लिए नलिका में एक क्रांतिक दाब की आवश्यकता होती है।
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इस पद्धति से एक्सरे का उत्पादन करने के लिए नलिका में एक क्रांतिक दाब की आवश्यकता होती है।
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दूसरी ओर, यदि दाब इस क्रांतिक दाब से कम हो तो इलेक्ट्रान उत्पन्न ही नहीं होते, अत: विद्युद्विसर्जन ही बंद हो जाता है।
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दूसरी ओर, यदि दाब इस क्रांतिक दाब से कम हो तो इलेक्ट्रान उत्पन्न ही नहीं होते, अत: विद्युद्विसर्जन ही बंद हो जाता है।
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प्रारंभ में एक्सरे का उत्पादन इसी प्रकार की वायुनली का उपयोग करके किया जाता था और वायु की दाब को महत्प्रयास से इस क्रांतिक दाब के मान पर रखा जाता था।
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प्रारंभ में एक्सरे का उत्पादन इसी प्रकार की वायुनली का उपयोग करके किया जाता था और वायु की दाब को महत्प्रयास से इस क्रांतिक दाब के मान पर रखा जाता था।
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वायु की दाब यदि इस क्रांतिक दाब से अधिक हो तो एक्सरे के उत्पादन के लिए पर्याप्त ऊर्जा इलेक्ट्रानों में नहीं रहती (क्योंकि इलेक्ट्रानों की ऊर्जा का अधिकांश परमाणुओं से लगातार संघात होने के कारण क्रमश:
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वायु की दाब यदि इस क्रांतिक दाब से अधिक हो तो एक्सरे के उत्पादन के लिए पर्याप्त ऊर्जा इलेक्ट्रानों में नहीं रहती (क्योंकि इलेक्ट्रानों की ऊर्जा का अधिकांश परमाणुओं से लगातार संघात होने के कारण क्रमश: घटता जाता है और धनाग्र से संघात होते समय केवल स्वल्प ऊर्जा शेष रहती है) ।